संकल्प शक्ति
By
Brij Sachdeva
एक बार एक आदमी किसी कारणवश भगवान से नाराज हो जाता है। उसने अपनी प्रार्थना में भगवान के आगे कोई माँग रखी होगी। इच्छा पूरी नहीं हुई तो निराश हो गया होगा निराशा के चलते उसने यह निर्णय लिया कि वो हर दिन मंदिर जा कर भगवान की मूर्ति पर पत्थर फेंकेगा और गाली भी देगा। वह रोज मंदिर जाता, मूर्ति पर पत्थर फेंकता और गाली भी देता। उसका संकल्प इतना दृढ़ था कि वह किसी भी परिस्थिति में ना तो मंदिर जाने से चूकता और ना ही पत्थर मारने से या गाली देने से; भले ही बारिश हो रही हो या तूफान और गरज हो। खाना छूट जाए या काम पे जाना छूट जाए, लेकिन भगवान को पत्थर मारना तथा गली देना, ना तो वह भूलता और ना ही चूकता।
जब भगवान जाने वाले थे, तो उसने भगवान को रोका और पूछा, "आप एक ऐसे व्यक्ति को कैसे दर्शन दे सकते हैं जो आपको गाली दे रहा था और आपकी मूर्ति पर पथराव कर रहा था। इतना ही नहीं, आपने मेरी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद भी दिया?" भगवान ने कहा, "प्रिय, मैं आपकी आस्था, भक्ति और सत्यनिष्ठा से प्रभावित हुआ। आपकी मेरे प्रति इतनी प्रगाढ़ नाराज़गी इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि आप मेरे अस्तित्व में दृढ़ विश्वास रखते हैं। यह मेरे प्रति आपके प्रेम और विश्वास को दर्शाता है। सबसे बढ़कर, आपकी महान सत्यनिष्ठा और संकल्प शक्ति ने मुझे छू लिया।”
मनोवैज्ञानिक संदर्भ में संकल्प शक्ति का बड़ा गहरा महत्व है। यह मन को न्यंत्रित करने का एक मनोवैज्ञानिक उपकरण है। मन को न्यंत्रित करना संसार की सबसे उत्तम कला है। आप ने सुना होगा कि मन चंचल होता है। अगर आप अपने मन को न्यंत्रित करने का पर्यास करना चाहते हैं तो आप सब से पहले किसी छोटे से संकल्प से शुरुआत करें। उदाहरण के तोर पर आप संकल्प लें कि मैं सप्ताह में एक दिन अपने चेहरे को हाथ से स्पर्श नहीं करूँगा, जैसा कि आपने कोविड के समय में किया भी होगा। अगर आप इसमें सफल हो जाते हैं तो इसी को बढ़ायें या इस से भी बड़ा संकल्प लें। आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कोई भी संकल्प ले सकते हैं, जैसे कि, जब भी आपने घर से निकलना है, आपने इधर उधर किसी की भी तरफ़ देखना नहीं है। जैसे जैसे आप अपने संकल्प को निभाने में सफल होते जाएँगे, वैसे वैसे आप का अपने मन पर नियंत्रण बढ़ता जाएगा। आप की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी। अब आप इससे भी बड़ा संकल्प ले सकते हैं। कोई भी, जैसे कि किसी बुरी आदत को छोड़ने का संकल्प लें। इसके बाद कोई अच्छी आदत डालने का संकल्प लें। अब आप को आनंद की अनुभूति होने लगेगी। आप को लगने लगेगा कि आप का मन आपको नियंत्रित नहीं कर रहा है। बल्कि मन आप का गुलाम होता जा रहा है। अब इस परक्रिया को निरंतर आगे बढ़ाते जाएँ। अब आप संकल्प लें कि में किसी भी दूसरे इंसान को मेरे मन को प्रभावित या नियंत्रित नहीं करने दूँगा। अगर कोई इंसान आपको ग़ुस्सा दिलाने की कोशिश करता है, तो आप शांत ही रहेंगे। अगर वो आपको ग़ुस्सा दिलाने में सफल हो जाता है तो इस का अर्थ तो यह हुआ की आपके मन का रिमोट कंट्रोल उसके हाथ में है। मैं आपको इस बात की गारंटी देता हूँ की अगर आपकी संकल्प शक्ति प्रगाढ़ हो चुकी है तो आप यह सब आसानी से कर पाएँगे। अगर आपको कोई गाली देता है तो आप ग़ुस्से का नाटक तो कर सकते हैं, लेकिन आप के मन की अवस्था ऐसी होगी कि आप के मन में जरा सा भी घृणा या ग़ुस्से का भाव नहीं होगा। आपके मन का संतुलन नहीं बिगड़ेगा। अगर आपके मन की अवस्था वास्तव में सम्पूर्ण रूप से संतुलित है तो आप उस अपमानित करने वाले वियक्ति को ऐसा जवाब या प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे कि आप ख़ुद आश्चर्यचकित रह जाएँगे यह सब कैसे हो रहा है। यह कौन सी दिव्य शक्ति मेरे अंदर आ कर बस गई है।
जब आपके मन का नियंत्रण आपके हाथ में आ जाता है तो आप का मन एक कल्पवृक्ष बन जाता है। फिर पूरी कायनात आपके कदमों में सर झुकाने को मजबूर हो जाती है।
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Brij Sachdeva